हम पालक के साथ मूंग दाल की मगोड़ी लेकर पालक मंगोड़ी की सब्जी (Moong Dal Mangodi in Spinach Gravy) बना रहे हैं. लेकिन इसे बनाने के लिये, मूंग दाल की मंगोड़ी (moong dal mangodi), चना दाल की मंगोड़ी या उरद मसाला मगोड़ी (Urad Dal Masala Vadi) में से जो आपको पसन्द वह ले सकते हैं.
बाफला या बाटी के साथ चूरमा और चूरमा के लड्डू बहुत पसंद किये जाते हैं. चूरमा अनेको तरह से बनाया जाता है, जैसे बाटी चूरमा, बाजरे का चूरमा, आटे का चूरमा वगैरह. आज हम इसी श्रंखला में पारंपरिक राजस्थानी बेसन का चूरमा बनाने जा रहे हैं.
दाल मसालों और आटे से बनी दाल ढोकली अपने आप में पूरा खाना ही है. दाल ढोकली को राजस्थान और गुजरात में अलग अलग तरीके से बनाया जाता है.
गरमी के मौसम में आम और कैरी की बहार आ जाती है. कच्चे आम से बनी खट्टी मीठी रेसीपीज सारे भारत में पसंद की जाती हैं . गुजरात में कच्चे आम को कद्दूकस कर के आम का छुन्दा (Mango Chhunda) बनाते हैं जबकि राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कच्चे आम की लोंजी
बेसन का हलवा कई तरह से बनाया जाता है लेकिन खास राजस्थानी पारम्परिक तरीके से बनाये गये बेसन हलवा का कोई जबाव नहीं होता. झटपट और आसान तरीके से बनाये गये इस बेसन हलवा (Besan Halwa ) का स्वाद आप आसानी से नहीं भूल पायेंगे.
पटोरी (Patori Besani Mirch) अधिकतर राजस्थान के चित्तोड़ के इलाकों में बनायी जाती है. आप इसे बनाकर दस दिन तक प्रयोग में ला सकते हैं.
हल्के चरपरी स्वाद वाली सेंगरी या मूंगरा सर्दियों से अनेक तरह की सब्जियां बनाई जातीं है. राजस्थान में मूंगदाल की मंगोड़ी को मिलाकर बनाई जाने वाले स्वादिष्ट सेंगरी मंगोड़ी बहुत पसंद की जाती है.
राजस्थानी गट्टा करी तो आपने बनाई ही होगी. मारवाड़ के इलाके में गट्टे का पुलाव (Marwari Gatta Pulao ) और गट्टे की सूखी सब्जी भी बहुत लोकप्रिय है. त्योहार या अन्य अवसरों पर मिठाईयां खाने के बाद गट्टे का पुलाव (Gatte Ka Pulao) सभी को बेहद पसंद आयेगा. आइये आज हम गट्टा पुलाव (Gatta Rice) बनायें.