शिवरात्रि आदि व्रत के अवसर पर फलाहारी खाने की श्रखला में प्रस्तुत है आलू सिंघाड़ा दही बड़ा.
सामग्री -
विधि -
आलू को धोकर उबाल लीजिये. ठंडा करिये और छील लीजिये.
आलू को बारीक तोड़ लीजिये या कद्दूकस कर लीजिये. इनमें सिघांड़े का आटा, स्वादानुसार सेंधा नमक, काली मिर्च, इलाइची और हरा धनियां डाल कर, अच्छी तरह मसल मसल कर आटे की तरह गूथ लीजिये.
दही को फैट लीजिये. फैटे हुये दही में स्वादानुसार सेंधा नमक डाल कर मिला दीजिये.
कढ़ाई में घी डाल कर गरम कीजिये.
मिश्रण से थोड़ा सा मिश्रण उठाकर, गोल करके चपटा कीजिये और बड़े का आकार दे दीजिये, अगर मिश्रण गीला है हाथ से चिपक रहा है तब एक साफ रूमाल या कपड़ा पानी में भिगो लीजिये. भीगे कपड़े को कटोरी के ऊपर पर लगायें और कपड़े को पीछे से पकड़ कर रखें. आलू के आटे से थोड़ा सा आटा लेकर गोला बनायें. भीगे कपड़े के ऊपर रखकर पानी के सहारे, दाल के दही बड़े जैसे बनाये जाते है उसी प्रकार से चपटा करके बनाइये और कढाई में डाल दीजिये. एक बार में 4-5 बड़े बना कर कढ़ाई में डाल दीजिये. बड़ों को पलट पलट कर ब्राउन होने तक तलिये.
सेंकने के बाद बड़ों को कढ़ाई से निकाल कर दही में डुबा दीजिये. आपके फलाहारी (आलू सिंघाड़ा) दही बड़ा (Aloo singhada Dahi Vada) तैयार है. फलाहारी दही बड़ों को प्याले या ट्रे में लगा लीजिये. हरा धनियां और भुना हुआ जीरा ऊपर से डालकर सजाइये. स्वादिष्ट फलाहारी दही बड़े अपने ब्रत के खाने के समय परोसिये और खाइये.
आप सूखे दही बड़े भी खाने में स्वादिष्ट लगते हैं, तो जितने आपको सूखे दही बड़े खाने हों, उतने दही बड़े सूखे रख लीजिये और जितने दही में डुबाने हों दही में डुबा लीजिये.