कद्दू या कुम्हड़ा (pumpkin or squash) बेहद पौष्टिक होता है। ये कोलेस्ट्रॉल कम करता है और डायबिटीज में भी फायदेमंद है। शायद इसीलिए भारत के बड़े हिस्से में कद्दू की सब्जी ज्यादा खाई जाती है। लेकिन आज हम आपके साथ कद्दू की बर्फी (kaddu ki barfi) बनाएंगे। क्या आपने पहले कद्दू की बर्फी खाई है? नहीं खाई है तो जरूर खाइए क्योंकि कद्दू की बर्फी (kaddu ki barfi) किसी मायने में खोये की बर्फी से कम नहीं होती है।
कद्दू के बीज हटा कर छील लीजिये, धोइये और कद्दूकस कर लीजिये, कढ़ाई में बिना पानी डाले कद्दू डालिय, 2 टेबल स्पून घी भी डाल दीजिये, ढककर धीमी आग पर पकने रख दीजिये, थोड़ी देर में चमचे से चलाइये और फिर से ढक दीजिये. कद्दू को नरम होने तक पकने दीजिये.
नरम हुये कद्दू में चीनी डालकर पकाइये, चीनी के साथ मिलकर कद्दू से काफी मात्रा में पानी निकल आता है, थोड़ी थोड़ी देर में चमचे से चलाते रहिये, कद्दू तले में न लगे, इस तरह कद्दू से पानी बिलकुल खतम होने तक पका लीजिये.
बचा हुआ घी डालिये और कद्दू को अच्छी तरह भून लीजिये. भुने कद्दूचीनी में मावा और मेवे मिलाइये और चमचे से चलाते हुये तब तक पकाइये जब तक कि वह जमने वाली अवस्था में न आ जाय, इसके लिये उंगलियों से इस कद्दू के हलवे को चिपका कर देखिये वह उंगलियों से चिपकते हुये जमने सा लगता है. आग बन्द कर दीजिये और इलाइची पीस कर मिला दीजिये.
थाली में जरा सा घी लगाकर चिकना कीजिये और ये मिश्रण थाली में डालकर एकसार करके जमने रख दीजिये. 1 घंटे में कद्दू की बर्फी जमकर तैयार हो जाती है. बर्फी के ऊपर कतरे हुये बारीक पिस्ते डाल कर चिपका दीजिये. कद्दू की बर्फी को आप अपने मन पसन्द आकार में काटिये, परोसिये और खाइये.
बची हुई कद्दू की बर्फी (Kaddu ki Burfi) को एअर टाइट कन्टेनर में रखिये और फ्रिज में रखकर 7 दिन तक खाइये.