मोहन थाल बहुत ही प्रसिद्ध गुजराती मिठाई है जिसे उत्तर भारत में बेसन की बरफी के नाम से भी जाना जाता है. देशी घी, और बेसन की बनी इस मिठाई को चाशनी में पकाया जाता है.
बाजार में बेसन दो तरह का आता है, एक बारीक पिसा हुआ और दूरा मोटा पिसा हुआ. मोहन थाल बनाने के लिये मोटा बेसन अच्छा रहता है.
किसी बर्तन में बेसन को छान लीजिये और 2 छोटी चम्मच घी डालकर हाथ से अच्छी तरह मिला दीजिये, अब दूध डाल कर आटे जैसा गूथ लीजिये. ढककर 20 मिनिट के लिये रख दीजिये. इससे बेसन के कण फूल जाते हैं.
चीनी में, चीनी की मात्रा का आधा पानी (50 ग्राम) मिलाइये और 1 तार की चाशनी बना लीजिये, (थोड़ा सा बादाम और पिस्ता बचा लीजिये जो हम मिठाई के ऊपर डाल कर सजायेंगे). सभी मेवे और इलाइची इस चाशनी में डाल दीजिये.
भारी तले की कढ़ाई में घी डाल कर गरम कीजिये. गूथे हुये बेसन को घी में डाल कर भूनिये, घी से अच्छी महक आने लगे, जब वह हल्का भुना हो, तभी उसमें मावा मिला दीजिये और भूनिये. बेसन और मावा ब्राउन होने के बाद चाशनी मिलाइये, करीब 6-7 मिनिट तक पकाइये, किसी प्लेट या थाली को घी से चिकना कीजिये, मिश्रण को प्लेट में डाल कर एक सा फैला दीजिये. ऊपर से बारीक कटे हुये बादाम और पिस्ते डाल दीजिये. ( 3-4 घंटे में यह मिश्रण जम जायेगा).
जमे हुए मिश्रण से अपने मन पसन्द आकार के पीस काटिये, मोहन थाल तैयार है. बहुत ही स्वादिष्ट मोहन थाल (Mohan Thal ) बना है, सुबह शाम कभी भी खाइये. बचे हुये मोहन थाल को एअर टाइट कन्टेनर में भर कर फ्रिज में रख लीजिये 15 -20 दिनों तक आप इसे खा सकते हैं.