रोटी कई प्रकार के आटे से बनाई जाती है. गेहूं के आटे से, मक्के के आटे से, बाजरे के आटे से, मिस्से आटे से और 6-7 अनाज को मिलाकर मिक्स आटे से (मिक्स आटे से बनाई गई चपाती ज्यादा पौष्टिक होती है). मक्का, बाजरा, ज्वार का आटा बरखरा होता है (इसमे लेस कम होता है) इन अनाजों के आटे से चपाती आसानी से बेलन से बेलकर नहीं बनाई जा सकती, इन अनाज के आटे को ईंच ईंच कर, मुलायम करके, लोई बनाकर हाथ से पानी लगाकर चपाती को बड़ाया जाता है. हाथ से बड़ा कर बनी कुरकुरी चपाती बहुत स्वादिष्ट लगती हैं, इस तरह की चपाती पचने में थोड़ी भारी तो होती है. इन चपाती को बनाने के लिये और अधिक प्रैक्टिस करनी होगी. अगर इन अनाज के आटे में थोड़ा सा आटा गेहूं का मिला लिया जाय, तब बेलन से बेल कर स्वादिष्ट चपाती आसानी से बनाई जा सकती है.
हमारे घरों में अधिकतर गेहूं के आटे से रोटी बनाई जाती है, गेहूं के आटे से बनी रोटी जल्दी पचती है, आसानी से बन जाती है और स्वादिष्ट तो होती ही है.
आटा छानकर प्रयोग करना चाहिये या बिना छाने हुये?
कुछ लोग मानते हैं कि आटा बिना छाने प्रयोग करना चाहिये ताकि फाइबर और रेशे खाने में प्रयोग किये जा सकें. कुछ लोगों का मानना है कि आटा छानकर ही प्रयोग करना चाहिये. आप उपलब्ध आटे की शुद्दता के अनुसार खुद निर्धारित कर सकते हैं. पैकेट बन्द आटे को आप बिना छाने प्रयोग कर सकते हैं जबकि चक्की से पिसाये हुये आटे को छानकर प्रयोग करना सही रहता है.
आटा सख्त गूथें या मुलायम? आटा गूंथने के लिये कितना पानी लगता है?
रोटी, नान या परांठा के लिये आटा थोड़ा मुलायम गूंथा जाता है. मुलायम आटे से बनी रोटी ठंडी होने पर भी चीचड़ नहीं होगी, जबकि सख्त आटे से बनी रोटी ठंडी होने पर खाने में अच्छी नहीं लगती.
रोटी के लिये गैंहू का आटा गूंथते समय इसके आयतन से आधा पानी लगता है. यानी यदि दो कप आटा गूंथ रहे हैं तो आप एक कप पानी ले सकते हैं.
आटा कैसे लगायें -
सामग्री -
आटे को किसी गहरी थाली या बड़े प्याले में छान कर निकाल लीजिये. आटे में नमक और तेल डाल दीजिये.
एक हाथ (बायें हाथ) से पानी डालते हुये आटे को दायें हाथ से गूथिये. एक साथ ज्यादा पानी आटे में मत डालिये, आटा अच्छी तरह मिक्स हो जाय तब आटे में मुक्कियां लगाकर, बार बार आटे को दायें हाथ से उठा कर पलटिये (आटे को ज्यादा सख्त और ज्यादा पतला मत कीजिये). आटा एक जैसा हो जाने पर, उसे मुक्कियां लगाकर, अगर आवश्यकता हो तो उसके ऊपर थोड़ा 2 - 3 छोटी चम्मच पानी छिड़ककर,20- 25 मिनिट के लिये ढककर छोड़ दीजिये.
20 मिनिट बाद आटे को उठाकर इकठ्ठा कीजिये, बार बार मुक्किया लगाकर, इकठ्ठा करके चिकना और मुलायम कीजिये. हाथ में बिलकुल थोड़ा तेल लगाकर चिकना करके भी आटे को संभाला जा सकता है. गूंथे गये आटे का ऊपरी भाग चिकना और इसमें खिंचाव पैदा होने तक गूंथते रहना चाहिये. आटा अच्छी तरह गंथे जाने पर चिकना हो जाता है तो फिर यह रोटी बनाते समय हाथों में अधिक नहीं चिपकता और बेलते समय इसे कम परोथन (सूखा आटा) लगा कर बेला जा सकता है. जब आटा चिकना और नरम हो जाय तब उसे थाली में एक ओर रख दीजिये. चपाती बनाने के लिये आटा तैयार हो गया है.
चपाती बनाइये -
तवा गरम होने के लिये आग पर रखिये, गुंथे हुये आटे से एक नीबू के बराबर का आटा तोड़कर निकालिये और हाथ से गोल लोई बनाइये. लोई को सूखे आटे में लपेटिये, अतिरिक्त सूखा आटा झड़ा दीजिये (ज्यादा सूखा आटा लोई के ऊपर नहीं रहना चाहिये).
सूखा आटा लगी लोई को चकले पर रखिये और बेलन की सहायता से 2 - 3 इंच व्यास में बेल कर बड़ा कीजिये. बेलन से एक जैसा गोल बेलिये. इस बेली गई चपाती को फिर से सूखे आटे में लपेटिये, अतिरिक्त सूखा आटा चपाती से झाड़ दीजिये.
सूखा आटा लगी चपाती को चकले पर रखिये और 5-7 इंच के व्यास में चारों तरफ एक जैसी मोटाई की गोल चपाती बेलिये. गोल और एक जैसी मोटाई की चपाती बेलने के लिये आपको प्रेक्टिस तो करनी ही होगी. रोटी बेलते समय एक जैसा हल्का दबाब दें, अधिक जोर न लगायें. नहीं तो रोटी कहीं से मोटी कहीं से पतली हो जायेगी और सही फूलेगी नहीं.
बेली गई गोल चपाती को गरम तवे पर डालिये, निचली सतह थोड़ी ही सिकने पर चपाती की ऊपर की सतह का कलर कुछ गहरा हो जाता है, अब चपाती को पलटिये. दूसरी सतह को ब्राउन चित्ती आने तक सेकिये.
चपाती के सीधे तवे पर भी सेक सकते हैं :- तवे पर रोटी को सेकने के लिये दूसरी सतह पर चित्ती आने के बाद रोटी को पलटिये और किसी कपड़े या चमचे को फिराकर रोटी सिर्फ तवे पर सेक लीजिये.
या तवा उतार कर गैस पर सेक सकते हैं - गैस पर सेकने के लिये तवे से चपाती उतारिये और पहले चित्ती वाली सतह को सीधे आग पर चिमटे की सहायता से घुमाते हुये थोड़ा और गहरी चित्ती होने तक सेकिये. ये ध्यान रहे कि चित्ती ब्राउन ही रहे, काली नहीं पड़नी चाहिये. रोटी को पलट कर दूसरी तरफ सेकिये. चपाती को चिमटे से पकड़ कर चारों ओर घुमाते हुये हल्की ब्राउन चित्ती आने तक सेक लीजिये. चपाती पूरी फूल जाती है. फूली चपाती को कभी हाथ से न पकडिये. इससे निकलने वाली भाप आपका हाथ जला सकती है.
यदि चपाती एक दम फूल जाय तो इसका अर्थ है यह अच्छी तरह से सिक रही है, उस पर हल्की चित्ती आने तक और सेक लीजिये,अगर आप किसी को खाना खिला रहे हैं और ये चपाती गरम गरम दे रही है तब आप ये चित्ती थोड़ी गहरी कर सकती है यानी कि आप कुरकुरी चपाती सेक कर दे सकती हैं. तुरन्त सिकी हुई घी लगी कुरकुरी चपाती खाने में बहुत अच्छी लगती है लेकिन बाद में खाने के लिये कड़क सिकी हुई चपाती अच्छी नहीं रहती.
चपाती को सेककर, कैसरोल में रखिये, दूसरी चपाती भी इसी तरह सेक लीजिये, इस चपाती के ऊपर थोड़ा सा देशी घी यानी कि एक चौथाई छोटी चम्मच से भी आधा रखिये और दोनों चपाती को एक दूसरे के ऊपर करके घी लगा दीजिये, घी लगी चपाती कैसरोल में रख दीजिये. बिना घी लगी चपाती जल्दी पचती है. गरम गरम बिना घी लगी चपाती खाइये, लेकिन घी लगी चपाती कैसरोल में रखने से बाद में 5-6 घंटे या और भी ज्यादा समय बाद खाने के लिये नरम रहती हैं.