सप्ताहांत में बनने वाला नाश्ता रोजाना बनने वाले नाश्ते से कुछ अलग अलग ही होता है, कुछ अच्छा सा स्वादिष्ट हो तो कितना अच्छा है, तो आइये इस सप्ताहांत में हम सत्तू की कचौरी बनायें
सत्तू की कचौरी बनाना बड़ा ही आसान है और समय भी कम ही लगता है. आजकल सत्तू लगभग सभी शहरों में किराने की दुकानों में तैयार मिल जाता है. खासियत इन सत्तू की कचौरियों को 4-5 दिन तक रख कर खा सकते हैं.
सामग्री -
आटा लगाने के लिये :-
पिट्ठी के लिये :-
विधि -
किसी बर्तन में आटा छान कर निकाल लीजिये, आटे में तेल और नमक डाल कर मिलाइये, ठंडे पानी की सहायता से नरम आटा गूथ लीजिये, आटे को सिर्फ इकठ्ठा होने तक गूथना है, आटे को ढककर सैट होने के लिये 15 -20 मिनिट के लिये रख दीजिये.
पिट्ठी बनाने के लिये, सत्तू को छान कर किसी बर्तन में निकालिये, कढ़ाई में घी या तेल डाल कर गरम कीजिये, गरम तेल में हींग और जीरा डालिये, जीरा तड़कने के बाद, हरी मिर्च और अदरक डाल दीजिये. सत्तू, धनियां पाउडर और सोंफ पाउडर डाल कर, चमचे से चलाते हुये ब्राउन होने तक भूनिये (सत्तू बहुत जल्दी भुन जाता है क्यों कि यह पहले से रोस्ट किया होता है). इस भुने हुये सत्तू में लाल मिर्च, गरम मसाला, अमचूर पाउडर, नमक और हरा धनियां डाल कर मिलाइये. कचौरी में पिट्ठी भरने के लिये तैयार है.
कढ़ाई में तेल डाल कर गरम कीजिये, कचौरी के आटे से एक नीबू के बराबर आटा तोड़िये, अंगुलियों की सहायता से बड़ाइये, एक छोटी चम्मच पिट्ठी उसके ऊपर रखिये, आटे को चारों तरफ से उठा कर कचौरी को बन्द कीजिये, हथेली पर रख कर दूसरे हाथ की सहायता से थोड़ा सा दबा कर बड़ा कर लीजिये, और अब इसे चकले पर रख कर, बेलन की सहायता से हल्का दबाब डालते हुये, 2 1/2 - 3 इंच के ब्यास में मोटा ही बेल लीजिये. चार - पांच कचौरी बेलिये, गरम तेल में डालिये और मीडियम एवं धीमी गैस फ्लेम पर, पलट पलट कर कचौरिया ब्राउन होने तक तलिये. सारी कचौरी इसी तरह बनाकर तैयार लीजिये.
सत्तू की कचौरी तैयार है. गरमा गरम सत्तू की कचौरियां, धनिये की चटनी के साथ परोसिये और खाइये.